Thursday, September 23, 2010

साबूदाने की खिचड़ी

साभार गुगल

साबूदाने की खिचड़ी
व्रत मे हम साबूदाने के व्यंजन बना के खा सकते है
साबूदाने की खिचड़ी मे हम कोइ भी दाल नही डालेगें इसे खिचड़ी के स्थान पे साबूदाने का पोहा कहें तो ज्यादा सही रहेगा। साबूदाने दो तरह के होते हैं एक बड़े और एक छोटे आकार के साबूदाने साबूदाने की खिचड़ी बनाने के लिये हम बड़े साबूदाने ले कर बनायेगे तो खिली खिली रहेगी व छोटे साबूदानो के चिपक ने का खतरा ज्यादा रह्ता है साबूदानो को १,२ घंटे के लिये भीगने जरुर दीजिय वरना अच्छी नही बनेगी
सामग्री::::
साबूदाना---२५० ग्राम
मूंगफली के दाने--५० ग्राम
जीरा --१/२ चम्मच
आलू२मध्यम आकार के
हरा धनियां---थोड़ा सा बारीक कटा
हरी मिर्च--२ बारीक कटी
काजु का टुकडा-- थोडा सा
तेल--२बड़े चम्मच
पिसी काली मिर्च--१/२ छोटा चम्मच
निम्बू का रस-- १छोटा चम्मच
सैधा नमक--स्वादानुसार
घी--२चम्मच
साबूदाने को साफ कर के धो कर पानी मे १/२ घटे के लिये भीगो दीजिये। भीगने के बाद अतिरिक्त पानी निकाल दीजिये।और साबूदाने को करीब १घंटे के लिये रख दीजिये। वो फूल जाये्गें। अब आलु को छील कर धो लीजिये और चोकोर टुकडे काट कर रख लीजिये। पैन में गरम होने पर तेल या घी डालें व मूंगफली के दाने को भून लीजिये फिर आलूको भी गरम घी में डाल कर हल्के ब्राउन होने तक तल कर निकाल कर प्लेट में रख लीजिये।

बचे हुये गरम घी में जीरा डाल कर हरी मिर्च डाल दीजिये ओर काजू के टुकडे भी डाल दीजिये। फिर साबूदाना डाल कर उपर से नमक,कालीमिर्च डाल दीजिये।और उलट पलट दीजिये २,३ बार। गैस को मंदी कर दीजिये ढक्कन लगा दीजिये बस १५,२०मिनट में पक जायेंगे। ढक्कन खोलिये और देखिये कि साबूदाने नरम हो गये है यदि नहीं हुए हैंतो थोडा सा पानी छिडक दीजिये। और कढ़ाई को गैस से उतार लीजिये व नीम्बू का रस मिला दीजिये बस तैयार है साबूदाना की खिचड़ी।साबूदाना की खिचड़ी को प्लेट में निकाल लीजिये व हरा धनियां बुरक दीजिये।
नोट;;;आप बडे साबुदाने से खिचडी बना रहे है तो ६,७ घंटे के लिये जरुर भीगने दीजिये

7 comments:

  1. बहुत अजीब दुविधा है विदेश में बसे लोगो को लिट्टी चोखा के बारे में पता है पर अपने देश में बसे लोग( यु पी , दिल्ली ) ही इसे नहीं जानते है, जबकि ये डिश बिहार यु पी के क्षेत्र में बहुत ही चाव से खाया जाता है . दिल्ली में जब ट्रेड फेयर प्रगती मैदान में लगता है तो वहाँ भी मिलता है .

    इसको बनाने की विधी मै बाद में बताउंगा .


    मेरे ब्लॉग पर टिप्पडी करने के लिए धन्यावाद , वैसे आपका ब्लॉग भी बहुत ज्ञानवर्धक और उपयोगी है

    मृत्युंजय कुमार राय

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  2. I have been following this blog since beginning and i would like to add here that the way aunty has taken up this blog is commendable and appreciable.. The receipes are nutritious and easy and simple to make.. Aunty would love to see some Rajasthani dishes as well in your SWAAD Blog.....

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  3. swarna ji,

    ye dish meriu fev he, ab isme aur bhi samaan aapne bata diya, aur tarika bhi, i will ask to Anju to try it

    thx for sharing

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  4. साबूदाने की खिचड़ी के बाद दूसरी पोस्ट कब लिखोगे दी? बहुत दिन हो गये हैं। अच्छा मैने भी लिखा है कुछ यहाँ पढ़ना http://daalrotichaawal.blogspot.com/ और कमैंट जरूर देना। ओके मेरे ब्लॉग पर ही कमैंट दे दे कर देना सीख लो भई:) और जल्दी से अच्छी से कोई पोस्ट और डालो

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  5. आलू तो प्लेट में ही रखा रह गया..अब उसका क्या करुँ... :)

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  6. धन्यवाद कमैंट के लिये,
    आप आलू बेचारे को कैसे भुल गये व्रत मे तो आलू रसिपी की जान होता है चलिये अब इसे अलग से ही भुन के या फ़्राई कर के हल्का सा नमक बुरक के यातो यु ही भोग लगाइये या आप बनी हुई खिचडी मे मिला दीजिये।

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  7. अगर मूंगफली भूनकरऔर उसका पावडर मिलाया जय तो खिचड़ी बहुत स्वादिष्ट बनेगी |
    आभार

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